फेक न्यूज एक्सपोज:भगवान गणेश की गिरफ्तारी का दावा गलत; कर्नाटक पुलिस ने ट्वीट कर बताया सच
सितंबर 17, 2024
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क्या कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश को ही गिरफ्तार कर लिया ? सोशल मीडिया पर कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड यूजर्स ऐसा दावा कर रहे हैं। दावा ये भी है कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य की पुलिस ने गणेश जी को गिरफ्तार किया है। वेरिफाइड एक्स यूजर शैलेंद्र शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा - भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य की पुलिस ने गणेश जी को गिरफ्तार किया। जी हां कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की कांग्रेसी पुलिस ने गणेश जी को हिरासत में लिया। हिंदुओं क्यों अपमानित होने के लिए कांग्रेस को वोट देते हो ? (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: हम लोग We The People 🇮🇳 नामक अकाउंट ने अपने ट्वीट में लिखा- कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश जी को हिंदू कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में ले लिया। ये गिरफ्तारियां मांड्या के नागमंगला में गणेश जुलूस पर कट्टरपंथियों द्वारा किए गए पथराव की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हुई। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: पेशे से खुद को जर्नलिस्ट बताने वाली किकी सिंह ने ट्वीट किया - अब और कितना विकास चाहिए। अब तो गणेश भगवान भी गिरफ्तार हो गए कर्नाटक पुलिस द्वारा। और वोट दो कांग्रेस को खटाखट खटाखट यही नजारा हर एक गली और मोहल्ले में नजर आएगा फिर।आज भगवान की मूर्ति ले जा रहे है कल तुम्हारी मां बहनों को ले जाएंगे। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल दावे का सच एक्स पर वायरल दावे की पड़ताल के दौरान हमें जर्नलिस्ट रणविजय सिंह का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में रणविजय ने बताया था- कर्नाटक में गणेश जी को गिरफ्तार करने वाली खबर पूरी तरह से फेक है। दरअसल कुछ लोग प्रदर्शन करने आए तो साथ में गणेश जी की मूर्ति लेकर आए। गणेश जी की मूर्ति खंडित हो सकती थी, ऐसे में पुलिस ने मूर्ति को अपनी वैन में रख लिया। बाद में विधि विधान के साथ इसको विसर्जित किया गया। अब कर्नाटक पुलिस फेक न्यूज फैलाने वालों पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: दरअसल, पिछले दिनों कर्नाटक के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी। इसके विरोध में बेंगलुरु के टाउन हॉल क्षेत्र में गणेश जी की मूर्ति के साथ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था वहीं, गणेश जी की प्रतिमा को एहतियातन पुलिस वैन में रखा गया था। डीसीपी सेंट्रल डिवीजन बेंगलुरु ने इस घटना को लेकर बाकायदा एक ट्वीट करते हुए बताया कि प्रशासन ने बाद में पूरे विधि-विधान के साथ गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया था। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: इस घटना से जुड़ी खबर हमें न्यूज 18 की वेबसाइट पर भी मिली। (खबर का अर्काइव लिंक)। खबर में बताया गया था - नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ, बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इस दौरान वहां लोगों की भीड़ जुटी जो नारेबाजी कर रही थी। यह विरोध प्रदर्शन बिना परमीशन के किया जा रहा था जिसके चलते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी गणेश जी की मूर्ति भी साथ लाए थे। खबर में आगे बताया गया - पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया तब पता चला कि गणेश जी की मूर्ति जमीन पर पड़ी है, इसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने तुरंत मूर्ति को उठाया और सुरक्षित स्थान पर रखा बाद में मूर्ति विसर्जन पूरे विधि-विधान के साथ किया गया। स्पष्ट है कि गणेश प्रतिमा को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक और गलत है। बेंगलुरु में प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन के दौरान गणेश जी की प्रतिमा भी लाए थे जिसे बाद में पुलिस ने लेकर विधि-विधान के साथ विसर्जित कर दिया था।
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