फेक न्यूज एक्सपोज:भारत नहीं बांग्लादेश का है बुजुर्ग की पिटाई का ये वीडियो; सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ हुआ वायरल

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सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाई देता है कि एक शख्स बुजुर्ग का चश्मा फोड़ देता है फिर उसे थप्पड़ भी मारता है। वेरिफाइड एक्स यूजर करिश्मा अजीज ने अपने ट्वीट में लिखा- ये कायर जो भी है बहुत नीच और गिरा हुआ इंसान है, एक बुज़ुर्ग को कैसे पीट रहा है, उनका चश्मा तोड़ दिया, दाढ़ी टोपी दिखी नहीं की अंदर का शैतान जाग गया ! ऐसे लोग घर में अपने मां- बाप के साथ भी यही करते होंगे, वृद्धाआश्रम में ही पलते होंगे ! (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट : AIMIM नेता वारिस पठान ने भी इस वायरल वीडियो को ट्वीट करके लिखा- कितना नीच दरिंदा है ये एक बूढ़े दाढ़ीवाले मुसलमान का पहले चश्मा तोड़ देता है और फिर इस बुरी तरह से उनको मारता है। इस दरिंदे को हिरासत में लेके इसकी इसी तरह ठुकाई करना चाहिए। ये दरिंदा घर में अपने बाप दादा को भी इसी तरह मारता होगा। शर्मनाक। (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: वहीं, inspiretrail नामक एक एक्स अकाउंट ने अपने ट्वीट में लिखा- ये वीडियो कहां की है पता नही लेकिन ये कायर जो भी है बहुत नीच, गिरा हुआ और संघी इंसान है। एक बुज़ुर्ग को कैसे पीट रहा है, उनका चश्मा तोड़ दिया, दाढ़ी टोपी दिखी नहीं की अंदर का शैतान जाग गया ! (अर्काइव ट्वीट) देखें ट्वीट: क्या है वायरल वीडियो का सच ? वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया। जांच में सामने आया कि यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का था। bdnews24.com नाम की वेबसाइट पर हमें इस घटना से जुड़ी डिटेल न्यूज देखने को मिली। खबर की हेडलाइन थी- पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पिटाई; वीडियो वायरल आर्टिकल में बताया गया था कि यह घटना बांग्लादेश के बरगुना स्थित जिला आयुक्त कार्यालय की थी। स्वतंत्र सेनानी अब्दुर राशिद मियां सुबह 10:30 बजे के आसपास आयुक्त कार्यालय पहुंचे थे यहां शाओन मोल्ला नामक युवक ने उनकी पिटाई कर दी। शाओन पूर्व जिला बीएनपी अध्यक्ष महबुबुल आलम फारूक मोल्ला का बेटा है। जांच के दौरान हमें ढाका ट्रिब्यून का एक आर्टिकल मिला। इस आर्टिकल में बताया गया था कि बीएनपी लीडर्स ने आरोप लगाए थे कि राशिद मियां पैसे लेकर लोगों का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की लिस्ट शामिल करवाता था। बीएनपी ने ये भी आरोप लगाया कि राशिद की सिफारिश पर उनके कई लीडर्स के नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की लिस्ट से हटा दिए गए थे और यही इस झगड़े की वजह थी। ढाका ट्रिब्यून के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट…. स्पष्ट है कि जिस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स भारत का समझ रहे हैं वो असल में बांग्लादेश का है। वहीं, वीडियो को लेकर सांप्रदायिक एंगल से किया जा रहा दावा भी पूरी तरह से गलत है। फेक न्यूज के खिलाफ हमारे साथ जुड़ें। 
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