1 से अधिक बैंक खाते बन सकते है परेशानी की वजह, आप करले अपना खाता चेक…

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 1 से अधिक बैंक खाते बन सकते है परेशानी की वजह, आप करले अपना खाता चेक…
1 से अधिक बैंक खाते बन सकते है परेशानी की वजह, आप करले अपना खाता चेक
ट्रांजैक्शन चार्ज का भी कोई लेना देना नहीं होता।

जहां कई खाता होने पर फायदा है तो इसके नुकसान भी है। हर डिजिटल युग में बैंक में लाइन लगाने के झमेले तो खत्म हो गए हैं, लेकिन यहां कब क्या बदलाव हो जाए जल्दी पता नहीं लग पाता है। बैंक सुरक्षा पर जितना ज़ोर देती है फ्रॉड करने वाले बैंक से दो कदम आगे नज़र आते हैं। यदि थोड़ी भी लापरवाही हुई तो सारी जमापूंजी मिनटों में रफा-दफा होने में समय नहीं लगता है। आज बैंक आपके द्वार पर सुविधा दे रही है, लेकिन उतने ही चार्ज भी बढ़ते जा रहे हैं। यदि आपसे थोड़ी भी चूक हुई चाहे नीयमों की अनदेखी की हो या लापरवाही की नुसान हम ग्राहकों को ही खुगतना पड़ता है। बैंक तो खाताधारकों के लिए एक से एक सख्त नियम बनाते जा रहे हैं। हलांकि आरबीआई ग्राहकों के हित के लिए गाइडलाइन जारी करता है, लेकिन बैंक अपने स्तर पर भी कई तरह के नियम बना लेते हैं। ऐसे नियम खाताधारकों पर भारी पड़ते हैं।

ऐसी ही समस्या है एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर, इसके लिए कई चार्जेज तो लगते ही हैं साथ में कई तरह की समस्याएं भी होती हैं। ज्यादातर भोले-भाले लोग बैंक की लुभावनी स्कीम या फिर लोन के लालच में नया अकाउंट तो खुलवा लेते हैं, पर ग्राहक को यह जानकारी नहीं होती है कि जिन पेजों पर वे हस्ताक्षर कर रहे हैं, उनमें लिखा हुआ क्या है और इनकी शर्तें क्या हैं। यदि कोई बैंक की इन शर्तों को गंभीरता से पढ़े तो शायद ही कोई एक से ज्यादा अकाउंट खुलवाएं। आइए देखते हैं यदि 1 से ज्यादा बैंक अकाउंट ऑपरेट करते हैं तो उसके क्या नुकसान हैं।

1.ऑफर का कैसे लें लाभ
2.ज्यादा अकाउंट ज्यादा बीमा कवर
3.बैंक का डेबिट कार्ड
4.खातों में धोखाधड़ी की ज्यादा आशंका
5.ITR भरने में खातों का रिकॉर्ड
6.मिनिमम बैलेंस चार्ज चुकाना
7.पासवर्ड याद रखना


1.बैंहर बैंक के ऊपर ज्याद से ज्यादा कस्टमर बढ़ाने का दबाव होता है। इसको लिए बैंक कई ऑफर निकालते रहते हैं, जैसे ब्याज दर भड़ा कर देना,लोन पर कम ब्याज, डेबिट कार्ड, बीमा,बैंक लॉकर लोन समेत कई ऑफर आते रहते हैं। इसके लिए ग्राहक अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवा कर इसका लाभ लेना चाहता है। एक से अधिक अकाउंट होने पर ट्रेन या फ्लाइट की टिकट कराने में आसानी होती है।

2.RBI की गाइडलाइंस साफ है कि आपके अकाउंट में चाहे जितना धन हो लेकिन मिलेगा केवल 5 लाख तक का ही बीमा कवर। इससे जाहिर है कि अगर बैंक कंगाल हो जाता है तो ऐसे में आपका जितना भी रकम जमा हो लेकिन आपको सिर्फ ₹500000 रुपये ही रिटर्न मिलेंगे।यही वजह है कि आप बीमा करा कर अपने पैसे को सिक्योर कर सकते है।

3.यदि आपका एक से ज्यादा बैंकों में खाता है तो सभी खातों का डेबिट कार्ड मिलता है, आप यदि अलग अलग बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं तो आपकोखाते को समय समय पर अपडेट कराना बड़ा टास्क होगा।
4.एक से अधिक अकाउंट होने पर उन्हे सहेजना और सुरक्षित तखना बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। यदि कोई खाता निष्क्रिय हो जाता है तो उसके चार्च लगते हैं और इन खातों से धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है।
5.यदि आपके एक से अधिक खाते हैं तो ITR भरते समय सभी अकाउंटों की पूरी जानकारी भरना पड़ता है जो परेशानी भरा हो सकता है।सभी की डिटेल सुरक्षित रखना और अकाउंट को अपडेट कराना भी परेशानी भरा हो सकता है। कई बार आईटी रिटर्न भरने में गड़बड़ी भी हो सकती है।
6.हर खाते में निस्चित बायलेंस होना ज़रूरी होता है, ट्रांजिक्शनभी होना आवश्यक होता है। SMS चार्ज, ATM चार्ज चेक बुक फीस जैसे कई चार्ज देने पड़ते हैं। यदि कई अकाउंट है, तो अकाउंट पर हर वर्ष खर्चा बढ़ जाता है।
7.यदि आपका एक से अधिक अकाउंट है तो हर अकाउंट के डेबिट कार्ड का पिन नंबर याद रखना काफी दिक्कत भरा काम हो सकता है। खातों का यूजर आईडी और पासवर्ड याद रखना भी बड़ा टास्क है।

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